Land Registry New Rule : जमीन रजिस्ट्री को लेकर नया नियम, अब सस्ते में होगी जमीन रजिस्ट्री

जमीन से जुड़े मामलों में सबसे बड़ी दिक्कत हमेशा रजिस्ट्री की प्रक्रिया और उससे जुड़ी लागत को लेकर रही है। कई लोग जमीन का बंटवारा या खरीद-फरोख्त इसलिए टाल देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि रजिस्ट्री करवाना महंगा और जटिल है। लेकिन अब Land New Rule लागू होने के बाद यह काम आसान हो जाएगा। सरकार ने कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जिससे न केवल खर्च कम होगा बल्कि कागज़ी कार्यवाही भी सरल होगी। आइए जानते हैं इस नए नियम से लोगों को क्या फायदा होगा।

जमीन रजिस्ट्री होगी कम खर्च में

अक्सर देखा गया है कि परिवार के बीच संपत्ति के बंटवारे में लोग रजिस्ट्री कराने से बचते हैं। वजह यह रहती है कि प्रक्रिया लंबी होती है और फीस भी अधिक लगती है। लेकिन अब Land Registry New Rule के तहत केवल ₹100 के स्टांप शुल्क पर संपत्ति का बंटवारा दर्ज कराया जा सकता है। इस नियम से परिवारों को काफ़ी सुविधा होगी और वे आसानी से अपनी संपत्ति का बंटवारा कानूनी रूप से दर्ज कर पाएंगे।

पारिवारिक सदस्य सूची अनिवार्य

नए नियम के अनुसार अब रजिस्ट्री कराने से पहले परिवार की सूची को रजिस्टर में दर्ज करना ज़रूरी होगा। इसे पारिवारिक सदस्य सूची या पारिवारिक रजिस्टर नकल कहा जाता है। यह सूची सर्किल ऑफिसर के कार्यालय से बनाई जाती है। इसके लिए आवेदन करना होता है और सत्यापन के बाद ही इसे मान्यता दी जाती है। इस प्रक्रिया के बाद ही कोई भी बंटवारा या संपत्ति से जुड़ा लेन-देन ऑफिस में दर्ज होगा।

कागजातों की जांच के बाद रजिस्ट्री

जब परिवार की सूची दर्ज हो जाती है, उसके बाद रजिस्ट्री ऑफिस जाकर ₹100 का स्टांप खरीदा जाता है। इस स्टांप पर पूरी संपत्ति का विवरण दर्ज होता है। उसके बाद अधिकारी सभी कागजातों की जांच करते हैं। अगर सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो संपत्ति का बंटवारा या रजिस्ट्री कानूनी रूप से मान्य हो जाता है।

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Land Registry Document Rule : जरूरी दस्तावेज

Land Registry Document Rule के तहत अब जमीन की खरीद या बंटवारे के लिए कुछ दस्तावेज अनिवार्य कर दिए गए हैं। इनमें पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड), संपत्ति से जुड़े पुराने कागजात जैसे खसरा, खतौनी, भूमि नक्शा और बिक्री समझौता शामिल हैं। इसके अलावा संपत्ति पर कोई कर या बकाया नहीं होना चाहिए। इन सबकी जांच के बाद ही रजिस्ट्री पूरी होगी।

डिजिटल माध्यम से Land Registry

सरकार अब रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाने पर जोर दे रही है। कई राज्यों में अब ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेज अपलोड करने, फीस जमा करने और अपॉइंटमेंट लेने की सुविधा दी जा रही है। इससे प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी होती है। हालांकि अभी सभी राज्यों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे सभी जगह लागू की जा रही है।

धोखाधड़ी से बचाव

जमीन से जुड़े मामलों में धोखाधड़ी आम समस्या रही है। इसीलिए अब खरीदार और विक्रेता दोनों को कानूनी दस्तावेजों की जांच करवाना ज़रूरी हो गया है। वकील की सलाह लेना, नकद लेन-देन से बचना और सभी भुगतान डिजिटल माध्यम से करना सबसे सुरक्षित तरीका है।

राज्यवार अलग नियम

यह ध्यान रखना चाहिए कि भूमि पंजीकरण राज्य सरकार के अंतर्गत आता है। इसलिए स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क और दस्तावेजों की सूची हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है। इसलिए रजिस्ट्री कराने से पहले अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी रजिस्ट्री ऑफिस से जानकारी लेना ज़रूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए किसी भी प्रकार की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित कार्यालय से पूरी जानकारी ज़रूर लें।

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